
विधानसभा में जिस तरह की कार्यवाही देखने को मिली, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ
बिहार विधानसभा में बुधवार को जिस तरह की कार्यवाही देखने को मिली, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। भाजपा विधायक और पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने मर्यादा की सभी सीमाएं लांघ दी। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि ‘व्याकुल’ मत होइये। इसपर अध्यक्ष ने मंत्री से अपने शब्द वापस लेने को कहा लेकिन मंत्री नहीं माने। ऐसे में अध्यक्ष सदन से बाहर चले गए और फिर बड़े नेताओं ने हस्तक्षेप करना शुरू किया।
विधानसभा के इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा
बिहार विधानसभा के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब विधानसभा अध्यक्ष और मंत्री के बीच इस तरह का विवाद देखने को मिला और फिर सदन को स्थगित कर दिया गया। दूसरी बार जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा अध्यक्ष की कुर्सी पर नहीं आए। उनके स्थान पर जदयू विधायक नरेंद्र नारायण यादव ने सदन की शुरुआत की। हालांकि कुछ ही सेकंड में सदन को फिर से स्थगित कर दिया गया।
अध्यक्ष ने स्थगित किया सदन
विधानसभा अध्यक्ष ने पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि आपके विभाग के सभी प्रश्नों का उत्तर ऑनलाइन नहीं आता है। इसपर मंत्री ने कहा कि 16 में से 14 प्रश्नों के उत्तर ऑनलाइन हैं। विधानसभा स्पीकर ने कहा कि केवल 11 प्रश्नों के उत्तर ऑनलाइन आए हैं। इसपर चौधरी ने कहा कि ज्यादा व्याकुल होने की जरूरत नहीं है। विधानसभा अध्यक्ष ने मंत्री से शब्द वापस लेने को कहा लेकिन मंत्री तैयार नहीं हुए। उन्होंने अध्यक्ष को अंगुली दिखाते हुए कहा कि आप ऐसे निर्देश नहीं दे सकते, आप ऐसे सदन नहीं चला सकते। इसके बाद स्पीकर ने कार्यवाही को तुरंत स्थगित कर दिया।
तेजस्वी बोले- मंत्री सदन की गरिमा की महत्ता को तार-तार कर रहे हैं
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा, ‘मर्माहत हूं। बिहार में सत्ता पक्ष और मंत्री सदन की गरिमा और आसन की महत्ता को तार-तार कर रहे हैं। सरकार के एक भाजपाई मंत्री अध्यक्ष महोदय की तरफ़ उंगली उठाकर कह रहे है कि व्याकुल मत होइये। ऐसे सदन नहीं चलेगा। कैसे-कैसे लोग मंत्री बन गए है जिन्हें लोकतांत्रिक मर्यादाओं का ज्ञान नहीं?’